आवर्त सारणी

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                                                     आवर्त सारणी 

✦ आवर्त सारणी का आविष्कार रूसी रसायनज्ञ दिमित्री मेंडेलीव ने 1869 में किया था।

✦ आवर्त सारणी, रासायनिक तत्त्वों की एक ऐसी सारणी है जिसमें तत्त्व अपने परमाणु क्रमांक, इलेक्ट्रॉन विन्यास, तथा पुनरावृत करते हुए रासायनिक गुणों के अनुसार सजाये गये होते हैं। तत्त्व, बढ़ते हुए प्रमाणु क्रमांक के अनुसार इसमें रखे जाते हैं।

✦ आवर्त सारणी एक आरेख है जो सभी तत्वों को उनके भौतिक गुणों के साथ दर्शाता है, और इसे परमाणु संख्या और इलेक्ट्रॉनिक विन्यास के अनुसार व्यवस्थित किया गया है। इसमें प्रत्येक तत्व के प्रतीक भी शामिल हैं जो विशेष रूप से प्रत्येक तत्व के लिए उनके अपने तत्व प्रतीक के लिए समर्पित हैं।

✦ अब तक 118 तत्वो की खोज हो चुकी है। अतः इस कठिनाई को दूर करने के लिऐ तत्वो का वर्गीकरण किया गया।

☞ आवर्त सारणी का संक्षिप्त इतिहास —

✦ सर्वप्रथम 18वीं शाताब्दी में एक रसायनशास्री लवासिए (Lavosier) ने तत्वो को दो वर्गो धातु (Metal) और अधातु (Non-metal) में किया। किँतु यह वर्गीकरण अत्यंत साधारण था।

✦ 19वीँ शाताब्दी के प्रारंभ में एक जर्मन रसायनज्ञ जाँन डोबरेनर (Johann Dobereiner) ने तत्वो को उनके गुणो के आधार पर तीन-तीन के समुहो में विभाजित किया। ये समुह त्रियक (triads) कहलाते हैं।

✦ 1865-66 में एक अंग्रेज रसायनज्ञ न्युलैड्स ने अष्टक नियम का प्रतिपादन किया। जिसके अनुसार यदि हम तत्त्व को उनके बढते परमाणु भार में सजाए तो किसी तत्त्व से प्रारंभ करेने पर ठीक आठवे तत्त्व का गुण पहले तत्त्व के समान होगा। परंतु अक्रिय गैसो की खोज हो जाने के बाद इस नियम का परित्याग कर दिया गया।

✦ 1869 में रूसी रसायनज्ञ मेँडलीव ने आवर्त सारणी का निर्माण किया।

• 63 तत्वों के आवर्त सारणी को सबसे पहले मेंडेलीव द्वारा दिया गया था और इन्हें “तत्वों के भौतिक एवं रासायनिक गुण उनके परमाणु द्रव्यमान के आवर्ती फलन” के रूप में परिभाषित किया गया था।

• कुछ दोषों के कारण मेंडेलीव के बाद, हेनरी मोसले द्वारा एक आधुनिक आवर्त सारणी दी गई थी, जिसमें परिभाषित किया गया कि “तत्वों के भौतिक और रासायनिक गुण, उनके परमाणु संख्या के आवर्ती फलन” होते हैं।

• आवर्त सारणी में, ऊर्ध्वाधर स्तंभों को समूह/वर्ग कहा जाता है, और क्षैतिज पंक्तियों को आवर्त कहा जाता है।

• आवर्त सारणी में 18 समूह और 7 आवर्त हैं और अब तक 118 तत्वों को खोजा गया है।

☞ वर्ग/समूह 18 की विशेषताएं —

• आवर्त सारणी में, समूह 18 को अक्रिय गैस समूह या उत्कृष्ट गैस समूह कहा जाता है क्योंकि सभी तत्व इस वर्ग की गैसीय अवस्था में हैं और सभी तत्व प्रकृति में स्थिर हैं।

• इसमें हीलियम, नियोन, आर्गन, क्रिप्टन, जेनोन और रेडॉन शामिल हैं।

• उत्कृष्ट गैसों की विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

• अति क्रियाशीलता, निम्न क्वथनांक, अत्यंत निम्न विद्युतीय ऋणात्मकता, उच्च आयनीकरण ऊर्जा, रंगहीन एवं गंधहीन

☞ आधुनिक आवर्त सारणी की विशेषताएं —

समूह संख्या           समूह नाम              वर्गीकरण

समूह 1 या 1 ए       क्षारीय धातु         वे पानी के साथ मजबूत क्षार बनाते हैं

समूह 2 या द्वितीय ए  एल्कलाइन अर्थ मेटल समूह 1 ए से कमजोर क्षार

समूह 13 या तृतीय ए  बोरोन परिवार     इस परिवार का पहला सदस्य बोरोन है।

समूह 14 या IV A    कार्बन परिवार     इस संपत्ति का पहला सदस्य कार्बन है।

समूह 15 या 5A     नाइट्रोजन परिवार    इस समूह में अधातु और उपधातु हैं

समूह 16 या VI A   ऑक्सीजन परिवार  इन्हें  कैल्कोजेन के नाम से भी जाना जाता है

समूह 17 या VII A   हैलोजन परिवार    इस समूह के तत्व लवणों से हैं

समूह 18 या VIII A  शून्य समूह          वे नोबल गैस हैं और सामान्य परिस्थितियों में वे निष्क्रिय हैं

• बाह्य इलेक्ट्रॉनों की संख्या समान होने ​के कारण एक समूह के तत्वों के भौतिक और रासायनिक गुण तुलनीय होते हैं। हालाँकि, जब हम किसी समूह में ऊपर से नीचे की ओर बढ़ते हैं, तो वे एक स्थिर परिवर्तन दिखाते हैं

• मेंडेलीव की आवर्त सारणी में 63 तत्वों की तुलना में, वर्तमान आवर्त सारणी में अधिक तत्व हैं। वर्तमान में इसमें 118 तत्व हैं।

• तत्वों की परमाणु संख्या आरोही क्रम में व्यवस्थित की गई है।

• तत्वों को उनके परमाणुओं में उपस्थित कोशों की संख्या के आधार पर आवर्त्त आवंटित किया जाता है।

• पहला आवर्त , जिसमें केवल दो तत्व – हाइड्रोजन और हीलियम शामिल हैं – सबसे छोटा है।

• दूसरे आवर्त के तत्व लिथियम से लेकर निऑन तक हैं।

• तीसरे आवर्त में सोडियम से लेकर आर्गन तक तत्व शामिल हैं।

• चौथे आवर्त में पोटेशियम से लेकर क्रिप्टॉन तक के तत्व शामिल हैं।

• पांचवें आवर्त में रुबिडियम से लेकर ज़ेनॉन तक तत्व शामिल हैं।

• आवर्त सारणी में छठा आवर्त सबसे लंबा माना जाता है। इसमें सीज़ियम से लेकर रेडॉन तक कई तरह के तत्व शामिल हैं।

• लैंथेनाइड छठे आवर्त के समूह IIIB में पाए जाते हैं।

• सातवीं अवधि अधूरी अवधि है।

• एक्टिनाइड्स सातवीं आवर्त सारणी के समूह IIIB में पाए जाते हैं।

• लैंथेनाइड्स और एक्टिनाइड्स आवर्त सारणी में सबसे नीचे हैं।

• आधुनिक आवर्त सारणी को सुविधा के अनुसार 4 ब्लॉक में बांटा गया है | इसे S ब्लॉक, P ब्लॉक, D ब्लॉक और F ब्लॉक में विभाजित किया गया है।

• आवर्त को 7 की संख्या में बंटा गया है , आवर्त में तत्वों की संख्या लगातार परमाणु संख्या के बढ़ाते संख्या के आधार पर होती है |

आवर्त     तत्वों को संख्या

1                 2

2                 8

3                 8

4                18

5                18

6                32

7               अपूर्ण

• आवर्त सारणी में वर्ग उर्ध्वाधर होते हैं, इस आधुनिक आवर्त सारणी में कुल 18 वर्ग शामिल है | इन वर्गों को अलग अलग नाम से भी जाना जाता है। वर्ग 3 से 12 के तत्वों को संक्रमण तत्व कहते हैं।

वर्ग संख्या            नाम

1                    क्षारीय धातु

2                   क्षारीय मृदा धातु

11                  मृदा धातु

12                  उडनशील धातु

13                 बोरोन फैमिली

14                  कार्बन फैमिली

15                 जहरीला

16                  चेलोजन

17                  हेलोजेन

18                अक्रिय या शून्य

✦ आवर्ती गुण (Periodic Properties) –

1. परमाणु आकार

☞ आवर्त में बाएं से दाएं जाने पर परमाणु का आकार घटता है एवं वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर परमाणु का आकार बढ़ता है।

2. परमाणु की आयतन त्रिज्या

☞ आवर्त में परमाणु की आयतन और त्रिज्या घटता है तथा वर्ग में परमाणु की आयतन एवं त्रिज्या में वृद्धि होती है।

3. आयनन विभव

☞ परमाणु के बाहरी कक्ष से एक इलेक्ट्रॉन को निकालने में जितनी ऊर्जा खर्च करनी पड़ती है उसे आयनन विभव कहते हैं। आवर्त में आयनन विभव बढ़ता है एवं वर्ग में आयनन विभव घटना है।

4. विद्युत ऋणात्मकता

☞ आवर्त में बाएं से दाएं जाने पर विद्युत ऋण ऋणात्मकता बढ़ती है तथा वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर विद्युत ऋणात्मकता घटती है।

5. इलेक्ट्रॉन बंधुता

☞ परमाणु की बाह्यतम कक्षा में इलेक्ट्रॉन को जोड़ने में जो ऊर्जा खर्च होती है उसे इलेक्ट्रॉन बंधुता कहते हैं।

आवर्त में इलेक्ट्रॉन बंधुता बढ़ती है तथा वर्ग में इलेक्ट्रॉन बंधुता घटती है।

6. धात्विक गुण

☞ आवर्त में धात्विक गुण की क्षमता घटती है एवं वर्ग में धातुओं की क्षमता बढ़ती है।

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