भाषा विकास का सिद्धांत (Theory of Language Development)

✦ भाषा विकास का सिद्धांत (Theory of Language Development)

  • प्रवर्तक — नोम चॉमस्की (फिलाडेल्फिया)
  • जन्म — 7 दिसम्बर, 1928
  • नोम चॉमस्की के अनुसार भाषा विकास जन्मजात योग्यता होती है। इनके अनुसार बच्चे बिना पढ़ाये जिस दर से शब्दों तथा व्याकरण को अर्जित करते हैं, उसकी व्याख्या नहीं कर सकते हैं।
  • चॉमस्की का मानना है कि भाषा विकास शारीरिक परिपक्वता की तरह है, जो उपयुक्त देखभाल करने पर बच्चों में स्वतः होता है।

❒ नोम चॉमस्की के अनुसार बालक में भाषा ग्रहण करने की जन्मजात प्रवृत्ति होती है, जिसे भाषा अर्जन तंत्र (LAD-Language Acquisition Device) के नाम से जाना जाता है।
❒ NCERT के अनुसार बालक जिस किसी भाषा को सुनते हैं, उसके व्याकरण को सरलता से सीख जाते हैं।, इसलिए इस सिद्धांत को जेनेरेटिव ग्रामर थ्योरी (Generative Grammar Theory) कहा जाता है।

  • चॉमस्की ने भाषा सीखने के दो नियम बतायें हैं-
  1. सतही संरचना का नियम (Law of Surface Structure)-इसमें बोलना, पढ़ना, लिखना इत्यादि आता है।
  2. गहरी संरचना का नियम (Law of Deep Structure)- इसके अंतर्गत भाषा का ज्ञान गहराई से प्राप्त किया जाता है।
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