रक्त परिसंचरण तंत्र

                                                  रक्त परिसंचरण तंत्र

• कार्डियोलॉजी — मानव हृदय का अध्ययन कार्डियोलॉजी कहलाता है। इसे हिन्दी में हृदय चिकित्सा कहा जाता है।

• मानव हृदय —  मानव हृदय लगभग एक मुट्ठी के आकार का होता है और चार कक्षों में विभाजित होता है, अर्थात् दो निलय और दो अलिंद।

☞ निलय वे कक्ष हैं जो रक्त पंप करते हैं और अलिंद वे कक्ष हैं जो रक्त प्राप्त करते हैं।

☞ इनमें से दायाँ अलिंद और निलय दोनों मिलकर “दायाँ हृदय” बनाते हैं, और बायाँ अलिंद और निलय मिलकर “बायाँ हृदय” बनाते हैं।

☞ मानव हृदय में 2 आलिन्द व 2 निलय होते हैं अर्थात यह मायोजैनिक प्रकार का होता है।

☞ हृदय के दोनों निलय वितरण पंप कहलाते हैं।

☞ मानव हृदय में पुरूषों के हृदय का वजन 300 ग्राम व महिलाओं के हृदय का वजन 250 ग्राम का होता है।

☞ मानव हृदय में रक्त का परिसंचरण होता हैं।

☞ मानव हृदय एक मिनट में 72 बार धड़कता है।

☞ बच्चे का हृदय एक मिनट में 140—160 बार धड़कता है।

☞ 5 वर्ष के बच्चे का हृदय एक मिनट में 120 बार धड़कता है।

☞ 10 वर्ष के बच्चे का हृदय एक मिनट में 90—100 बार धड़कता है।

☞ कठोर परिश्रम करते समय हृदय 75 से 80 बार धड़कता है।

☞ वृद्धाअवस्था में हृदय एक मिनट में 60 से 65 बार धड़कता है।

☞ ह्रदय की धड़कन का चक्र काल या प्रति धड़कन मे लगा समय 0.8 सेकण्ड होता है।

☞ सर्वाधिक ह्रदय की धड़कन छछूंदर में 800 प्रति मिनट तथा सबसे कम ब्लू व्हेल में 25 प्रति मिनट होता है।

☞ मानव हृदय की सुरक्षा पेरीकार्डियल झिल्ली करती हैं।

☞ रक्त का शुद्धिकरण वृक्क, किडनी व गुर्दे में होता है।

☞ हृदय में रक्त दो बार आता है इस कारण इसे दोहरा परिसंचरण तंत्र भी कहते हैं।

☞ रक्त का आॅक्सीकरण फेफड़ों में होता हैं।

☞ हृदय की आवाज को स्टेथोस्कोप उपकरण द्वारा सुना जाता है।

• रक्त दाब — मनुष्य का सामान्य रक्त दाब 120/80 होता है।

☞ 120 सिस्टोल (संकुचन) दाब होता है तथा 80 (शिथिलन) डाएस्टोल दाब होता है।

☞ रक्त दाब का मापन स्फिग्मोमैनोमीटर द्वारा किया जाता है।

☞ उच्च रक्त दाब 140/90 — हाइपरटेंशन (High BP)

☞ निम्न रक्त दाब 110/70 — हाइपोटेंशन ( Low BP)

• रक्त परिसंचरण तंत्र का जनक —  विलियम हार्वे ने रक्त परिसंचरण की खोज की थी इसलियें इन्हें रक्त परिसंचरण तंत्र का जनक कहा जाता है।

• WBC & RBC —

☞ डब्ल्यु.बी.सी. का सामान्य से कम होना—ल्यूकोपीनिया

☞ डब्ल्यु.बी.सी. का सामान्य अधिक होना— ल्यूकेमिया

☞ आर.बी.सी. का सामान्य से कम होना — रक्ताल्पता या एनीमिया

• धमनियॉं — वे रक्त वाहिनियां जो ह्रदय से शुद्ध रक्त को शरीर के विभिन्न अंगों तक ले जाती है। धमनियां कहलाती है।

☞ हृदय की संरचना में शरीर की सबसे बड़ी धमनी – महाधमनी होती है।

☞ महाधमनी के माध्यम से शुद्ध रक्त शरीर के सम्पूर्ण अंगों को पहुंचा दिया जाता हैं।

☞ ह्रदय को रक्त की आपूर्ति कोरोनरी धमनी करती है।

☞ हृदय की मांस—पेशियों को रूधिर पहुंचाने वाली कोरोनरी धमनी में किसी प्रकार की रूकावट आ जाने से हृदयघात या दिल का दौरा (Heart Attack) पड़ जाता है।

• शिरा — वे रक्त वाहिनियां जो अशुद्ध रक्त को शरीर के विभिन्न अंगो से ह्रदय तक ले जाती है। शिरा कहलाती है।

☞ धमनियों में बहने वाला रक्त लाल रंग का दिखाई देता है, जबकि शिरा में बहने वाला रक्त नीले रंग का दिखाई देता है।

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