जीन पियाजे का नैतिक विकास सिद्धांत (Moral Development Theory of Jean Piaget)

✦ जीन पियाजे का नैतिक विकास सिद्धांत (Moral Development Theory of Jean Piaget)

  • सिद्धांत के प्रर्वतक — जीन पियाजे (Jean Piaget)
  • जीन पियाजे ने द मोरल जजमेन्ट ऑफ द चाइल्ड (1932) में बताया कि 5 वर्ष तक बालक गैर-नैतिक होता है।
  • इन्होंने नैतिक विकास को दो भागों में बांटा है-

(1) परायत नैतिकता की अवस्था / परकेन्द्रित उन्मुखता (Stage of Heteronymous Morality) — (2 से 8 वर्ष) — यह नैतिक विकास की पहली अवस्था है, जिससे प्रायः सभी बच्चे गुजरते हैं।

(2) स्वायत्त नैतिकता की अवस्था / स्वायत्ता उन्मुखता (Stage of Autonomous Morality) — (9 से 11 वर्ष) — इसमें आत्मकेन्द्रिता की भावना लुप्त हो जाती है।

  • इसे अन्योन्यता/पारस्परिकता (Reciprocity) व सहयोग की नैतिकता का काल भी कहते हैं।
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